Saturday, October 2, 2010

SAPNO KI DUNIYA

आओ हम कहीं ऐसी जगह चलें 
जहाँ दूर तक खुली फिजां हो 
हरी भरी वादियाँ हो 
नदियाँ और झरने हों 
चहचहाते पंछी और फूल हों 
दूर तक फैली हरियाली हो
आओ हम कहीं ऐसी जगह चलें
जहाँ किसी के चीखने की आवाज ना हो
किसी भूखें बच्चे का रोना ना हो 
किसी औरत की बेबसी ना हो 
किसी पर अत्याचार ना हो 
कहीं भ्रष्टाचार ना हो

आओ हम कहीं ऐसी जगह चलें 
जहाँ हर तरफ शांति सुकून हो 
आपस मैं अपनापन हो 
पुलकित प्रफुलित  चेहरे हों
और जहाँ हो सिर्फ 
प्यार-प्यार-प्यार