prerna ki kalpanayen
Sunday, October 3, 2010
sajan
मेरे जीवन की बहार हो तुम
मेरी बिंदिया,कुमकुम,गहना
सारा श्रृंगार हो तुम
मेरे तन-मन के हर एहसास
के कद्रदान हो तुम
मेरे सपनों, भावनाओं ,अरमानों
से ना अनजान हो तुम
मेरे साजन, मेरे प्रियतम ही नहीं
मेरे तो भगवान् हो तुम
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